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Poem character

चरित्र एक चरित्र बड़ा सुहाना था , कुछ तो जाना पहचाना था   कुछ था उसके दिल के अंदर जो मुझको बतलाना था एक बात चली कुछ बात कही उसने मुझसे अनजाने में   वो प्रेम भरा प्रस्ताव ही था , पर डरता था बतलाने से चलता था मेरे साथ मगर डरता था हाथ बढ़ाने से रेखाएँ देखने का बहाना कर , हाथों में लेकर हाथ मेरा   उस मोड़ के आख़िर छोर तलक जिस मोड़ पे मुझको जाना था वहाँ छोड़ के मुझको शायद वो कुछ बतलाना चाहता था पर ज़ुबान तलक वो बात कहीं , अक्सर आकर रूक जाती थी जाने क्या थी वो मजबूरी जो उसको समझ में आयी थी   मैं तो थी अंजानी मगर एक बात उसने बतलाई थी , संजोग नहीं जब क़िस्मत का , क्यूँ आगे हाथ बाड़ाऊ मैं , जिस रिश्ते का अंजाम नहीं उसे क्यूँ निभाऊँ मैं , चलो जो भी हुआ अब जाने दो , उसने मुझसे ये बात कही , पर आज भी उसकी आँखों में वो प्यार नज़र क्यूँ आता है वो जीतना रहता दूर मगर मुझको ना भ...

Poem tumhe yaad hai

तुम्हें याद है तुम्हें याद है तारों की चादर में बीती वो रात   और घास का वो मखमली बिस्तर जहाँ तुम्हारे कंधे को मैंने अपना तकिया बनाया था उस रात ठंडी हवाएँ जब मुझे छू रहीं थी ,  तो तुमने अपने बदन से उन्हें रोका था।   उस रात हम एक थे , तुम मुझमें थे और मैं तुममें वो रात आख़री रात थी , उस बुझते हुए रिश्ते की   क्या तुम्हें याद है ?

Kavita, ek Saans bhar ki aas

एक साँस भर की आस सिर्फ़ साँस भर की तो आस थी , तेरे और मेरे एक होने की   पर एक तूफ़ान उस आस को भी ले चला आस कुछ वैसी ही जैसे समंदर के बीच खड़ी एक नाव को किनारे से मिलने की होती है , जैसे दूर बैठे भँवरे को डाली पर लटकते फूलों के खिलने की आस रहती है ,  ऐसी ही आस मेरे मन में भी जागी थी , जब तुमने मेरे हाथों को थामा था ,  जब घंटों तक बिना कुछ बोले तुम मेरे चेहरे में कुछ तलाशते थे , और मेरे देखते ही मुस्कुराकर अपनी नज़रों को मेरे चेहरे से हटा लेते थे , वो आस जब टूटी , तो बहुत कुछ था मेरे अंदर जो उसके साथ टूटा था , उस नाव और उस भँवरे की तड़प को मैंने भी महसूस किया था उस दिन , जब छोड़ कर मेरा हाथ तुमने , अपना रास्ता बदल दिया था , बदल दी थी तुमने अपनी सभी राहें जो मुझ तक आती थीं , वो पल मेरे लिए आसान नहीं था ,  एक सच होता हुआ सपना था , जो अचानक टूट गया था ,   पर उस टूटे हुए सपने के दर्...

Uttarakhandi food: bhang ki chatni

भांग की चटनी उत्तराखंड अपनी खूबसूरत वादियों के साथ अपने साधारण और स्वादिष्ट पकवानों के लिए भी जाना जाता है। उन्हीं पकवानों में से एक हैं भाग की चटनी। गर्मा गर्म पकोड़े और मंडुवे की रोटी के साथ आप इसका स्वाद ले सकते हैं। इसे बनाने की विधि कुछ इस प्रकार है। सामग्री भांग के दाने                          100 ग्राम सारसों के दाने                       2 छोटे चम्मच लस्सन की फांक (क्यारी)       3 से 5 सुखी लाल मिर्च                     3 से 4 नमक                                    स्वादानुसार निम्बू                                     आधा बनाने की विधि एक कढ़ाई या तवे में भांग और सरसों के दानों को थोड़ा भूरा होने तक हल्कि आंच...

Beautiful journey of uttarakhand / chopta /tungnath / chandrashila

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उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में चोपता तुंगनाथ धार्मिक स्थल होने के साथ ही आस पास फैली सुंदरता के लिए भी प्रचलित है। भगवान के दर्शन करने के साथ ट्रेकिंग करने वाले लोगो के लिए यह बेहतरीन जगह है। दिल्ली से ऋषिकेश होते हुए रुद्रप्रयाग ओर फिर ऊखीमठ के रास्ते से चोपता के लिए एक रोड जाती है। उखीमठ से 40 किलोमीटर की दूरी पर चोपता स्थित है। हरी-भरी मुलायम घास से ढका चोपता एक बेहद ही सुंदर और खूबसूरत हिल स्टेशन है। यहाँ चारों ओर फैली सुंदरता और शांति एक गहरे सुकून का अहसास कराती है। मिनी स्विजरलैंड बुग्याल (मुलायम और हरी-भरी घास से ढके पहाड़) के कारण इसे गढ़वाल का मिनी स्विट्ज़रलैंड भी कहा गया जाता है। गर्मियों में हरी घास से ढके यह पहाड सर्दियों में बर्फ़ की सफ़ेद चादर से ढक जाते हैं, जिसकी खूबसूरती को देख आपकी आंखें मानो तृप्त हो गई हो। नीचे हरी पहाड़ियां और ऊपर की और हिमालय की सफेद चोटी, आपको एक भूले-बिसरे सुकून का एहसास कराती हैं। तुंगनाथ चोपता से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तुंगनाथ का मंदिर, जिसे पंच केदार में से एक केदार है। तुंगनाथ की खड़ी चढ़ाई थका जरूर सकती है लेकिन आसपा...